जब भी हम नाराज होते है तो हमें यह पता होता हैं कि हम किस वजह से नाराज है ।
कोई पेड़ या पौधा, भौंरा या कीड़ा... दूसरों को मारने की साजिश नहीं रचता ।
मनुष्य अपने विचारो को दूसरों पर थोपने का प्रयास करता है। जो लोग उससे सहमत नहीं होते, उनसे नाराज रहना शुरू कर देता है ।
जब दूसरे लोग ऐसे काम करते हैं, जो आप को पसंद नहीं हैं, तब आप उन्हें सहन नहीं कर पाते।
आप उन से नाराज हो जाएंगे, उन्हें धमकी देंगे... कभी-कभी कोई सजा भी देंगे।
आप की नाराजगी चट्टान से हो सकती है, भगवान से हो सकती है, किसी मित्र से हो सकती है , गुरु से भी हो सकती है।
आप सोचते हैं क़ि नाराजगी एक शक्ति है। उसके द्वारा कई चीजों को प्राप्त कर सकते हैं। इसे आप एक हथियार समझते हैं ।
लेकिन इस हथियार का दूसरों पर प्रयोग करते समय, वह उन पर जो असर डालता है, उससे ज्यादा असर आप पर ही डालता है।
जब आप नाराज होते हैं आपकी अक्ल उल्टा-सीधा काम करने लगती है और उसका नतीजा हमेशा बुरा ही होता हैं ।
नाराजगी का कारण आप के मन में है । यदि आप इस तथ्य का अनुभव कर लें तो आपकी समझ में आ जाएगा, कि नाराज रहना कितनी बड़ी मूर्खता है।
दुनिया में जहाँ-जहाँ शासन चलाने की नीयत हावी रहेगी, उन जगहों पर बगावतें और क्रांतियाँ फूट पड़ेगी ।
हम उन लोगों को पसंद नहीं करते और नाराज हो जाते है जो हमारे पर हकूमत चलाना चाहते है ।
जो हमें सहयोग करते है उन्हे पसंद करते है ।
जब लोगो से मिलते है उनके प्रति शांति, प्रेम और अपनेपन की भावना रखा करो । यही तो सभी लोग चाहते है । अगर यह नहीं होगा तो लोग नाराज हो जाएंगे ।
दूसरो की अपेक्षा स्वयं को ऊँचा देखना, यह रेवैया आप को उन्नति नहीं करने देगा । लोग नाराज होते रहेंगे ।
तुझे माफ कर दिया, तुझे छोड़ दिया बस काम करो, यह बोल दिखाते है क़ि आप भूले नहीं है आप चाह रहे है क़ि गुलाम बनो नहीं तो छोडूंगा नहीं ।
दिमाग में एक विशेष प्रकार का विटामिन कम हो जाता है जिस से मनुष्य छोटी छोटी बातो पर नाराज हो जाताहै और क्रोध करने लगता है ।
यह विटामिन सिर्फ भगवान की याद से ही बनता है । अगर 3 घंटे हर रोज योग का अभ्यास करते है तब मनुष्य इस कमजोरी पर विजय पा सकता है । यही कारण है क़ि बड़े बड़े संत भी नाराज हो जाते है और क्रोध करते है क्योकि वह पर्याप्त साधना नहीं करते ।
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