Thursday, December 26, 2019

विचारों या मानसिक तरंगों से सर्व प्राप्तियां

1-मानसिक तरंगों से   शांति और शक्ति बढ़ती है़  । 

2-हमारे सभी विचारो , भावनाओ , व्यवहार , सुख- दुःख की अनुभूति हमारे दिमाग में मौजूद न्यूरान्स  की वजह से होती है ! इन न्यूरान्स की  गतिशीलता ही हमारी मनोदशा को निर्धारित करती है !

3-अच्छी  और उच्च  तरंगो को दिमाग तक पंहुचाकर मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा दिया जाता है या यूँ  कहे की मूड को बदला जाता है !  

4-संगीत वाद्य यंत्रो की ध्वनियों को मिलाकर अलग अलग फ्रेक्वेन्सी की तरंगें बनाई जाती   है । 

5-हम जो भी क्रिया करते है या जो महसूस करते है उसके हिसाब से हमारे दिमाग में तरंगें  बदलती रहती है ! 

6-जब धीमी तरंगें  हमारे दिमाग पर हावी होती है तब हम थका हुआ , सुस्त, या नींद का अनुभव करते है ! जरा  सा  हिंसक  या विध्वंस्क विचार  आने से धीमी तरंगें बनती  हैं  । ड्रम बीट  से भी धीमी तरंगें  पैदा  होती हैं । 

7-जब तेज तरंगें  हावी होती है तब हम अति सावधान और सक्रिय महसूस करते है । 

8-अच्छी तरंगें   बहुत तेजी से चलने वाली होती है । बांसुरी जैसी  आवाज,  कोयल जैसी आवाज,  पपीहे जैसी आवाज  से ये तरंगें बनती  है  । इन तरंगों से बुद्धिमता , करुणा , मजबूत आत्म नियंत्रण , स्मरण शक्ति और ख़ुशी बढ़ती  है । 

9- जब हमारा शरीर अच्छी  तरंगो के संपर्क में आता है तब तब हमेंं  देखने , सूंघने, सुनने और खाने में अच्छे स्वाद का अनुभव होता है ! जहां और जब  हमें अच्छा  अच्छा लगता है वहां  ऐसी तरंगें होती है । 

10-जब हमारा दिमाग इन तरंगो के संपर्क में आता  है तो  हमारे दिमाग को नई नई  सूचनाये याद रखने में सहायता मिलती है !

11- ये तरंगें हमारे दिमाग तक  मेडिटेशन  के अभ्यास से भी  पहुंचती  है ।   

12- जब हम अपनी पसंद का कोई कार्य कर रहे होते है तब  भी हमारा दिमाग अपने आप ऐसी  शक्तिशाली  तरंगें पैदा करता है ! जिस काम  को हम खुशी खुशी करते है उस से अच्छी अच्छी तरंगें बनती  है । 

13-जब हम दूसरों का  कल्याण सोचते है तो उस समय मन से निकलने वाली तरंगें बहुत तेज़ और गतिशील होती है ! जब हम बहुत सजग अवस्था में किसी गंभीर समस्या का समाधान खोज रहे होते है या कोई निर्णय ले रहे होते है तब भी हमारे दिमाग की  कोशिकाओं  में ये तरंगें पैदा होती है  तथा बहुत ज्यादा उर्जा और उत्तेजना पैदा करती है । 

14-कई  बार  बाबा के गीत   या अन्य  धार्मिक  गीत हमें सकून देते है ।   उस  समय शक्तिशाली तरंगें बनती  है जिनके सुनने से हमें  लाभ होता है । जब हमें  बहुत उर्जा की आवश्यकता होती है तब भी ऐसी आवाजों के सुनने से लाभ होता है । 

15-अल्फ़ा  तरंगें  हमारे दिमाग सेल्स में तब उत्पन्न होती है जब शांति से सोच रहे होते है!  मैडिटेशन की अवस्था में भी  अल्फ़ा तरंगें बनती  है ।   अल्फा तरंगें  दिमाग को  आराम देने में सहायक होती है इसलिए अल्फा तरंगों  को पूरे मानसिक समन्वय , शांति और शरीर के सभी अंगो के  एकीकरण करने  के लिये  इस्तेमाल किया जाता है !

16-जब हम निंद्रा या गहरे ध्यान में होते है तब थीटा तरंगें  उत्पन्न होती है ! ये तरंगें कुछ नया सीखने और स्मृति को बढ़ाने वाली होती है !

17- जब हमारा दिमाग थीटा तरंगों  के संपर्क में आता है तब हमारे दिमाग का संपर्क बाहरी दुनिया से कम हो जाता है तथा हमारा ध्यान उस पर केन्द्रित हो जाता है जिस विषय पर हम सोच रहे  होते है ।