Friday, February 21, 2020

मानसिक शक्ति संकल्प


1-शांति और प्रेम यह आत्मा के मूल गुण है । सारा संसार इसी पर खड़ा  है । इन्ही दो शव्दो में अथाह बल है । इसे ही डेवेलप करना है ।

2-कौन से शब्द व गुण का  अभ्यास करना चाहिये । जिस से हमे अपने जीवन में  मन इच्छित फल मिले तथा ईश्वरीय शक्तियों प्राप्त कर सके ।

3-आप अपने को देखो आपको क्या पसंद है । शांति या प्रेम । अगर शांति पसंद है तो शांति का  अभ्यास हर समय करो अगर प्रेम पसंद है तो प्रेम  का  अभ्यास  करो ।

4-शांति सब को प्रिय है इसलिये हम शांति के संकल्प  को ले कर चलते है ।

5-मै शांत हूं शांत हूँ सदा  इस भाव में टिके  रहो ।  परमात्मा को देखते हुए आप शांति के सागर  है , इस गुण से याद करो । कोई व्यक्ति देखो या याद आयें तो उसको कहो आप शांत स्वरूप है । जब इस तरह एक ही संकल्प मन में रखेगे तो उस का एक गति चक्र बन जायेगा ।

6-इसी तरह के और भी  अच्छे  शव्दो को हम ले सकते है । इन शव्दो को  बार बार  दोहराते  रहे तो उस  से उत्पन्न हुई  ध्वनि या कम्पन की तरंगे सीधी या साधारण नहीं रह जाती । वह एक वृत बन  जाती हैँ  और  वह  तरंगे घूमने लगती हैँ 

7- इन तरंगो का   वृताकार रूप में  घूमना उस व्यक्ति और ब्रह्माण्ड में एक असाधारण शक्ति प्रवाह उत्पन करता है । उस के फल स्वरूप उत्पन्न  हुए   परिणामों  को चमत्कार कहेंगे  ।

8--इस शब्द की शक्ति को दूसरे प्रकार  से समझा  जा सकता है ।

9--शेर की दहाड़ से हम डर जाते  है ।

10--कोयल की कूक सुनते ही मनुष्य में प्यार उमड़ने लगता है ।

11-दही को मथने से माखन निकलता है ।

   12-शुध्द संकल्प को रीपीट करने से ऐसी शक्ति निकलती है जो रोग ठीक कर देती है । अलग अलग रोगॊ को ठीक करने के लिये कौन से शब्द और कितनी मात्रा में हो जो रोग ठीक हो जाये यह खोज करनी है ।

  13-अल्ट्रा साउंड तरंगों  से  तरह तरह के इलाज सम्भव हो रहे है ।

  14-बिजली, भाप, एटम,बारूद आदि सूक्ष्म में कम्पन शक्ति ही  है ।

  15- संकल्प से भी  कम्पन पैदा  होते हैंं   तथा  इस से हम सर्व श्रेष्ट ईशवरीय शक्तियों को पकड़ सकते है ।

16-संगीत से पशु अधिक दूध देते है ।

 17-बीन  बजा  कर हम साँप को वश में कर सकते है ।

 18-संगीत से दीपक जला  सकते है ।

 19- बादलों  से वर्षा  करवा सकते है ।

  20- ऐसे ही हम अलग अलग  संकल्पों से उपलब्धिया पा सकते है । परंतु यह खोज करनी है । इस से संसार का कल्याण होगा ।

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