1-शांति और प्रेम यह आत्मा के मूल गुण है । सारा संसार इसी पर खड़ा है । इन्ही दो शव्दो में अथाह बल है । इसे ही डेवेलप करना है ।
2-कौन से शब्द व गुण का अभ्यास करना चाहिये । जिस से हमे अपने जीवन में मन इच्छित फल मिले तथा ईश्वरीय शक्तियों प्राप्त कर सके ।
3-आप अपने को देखो आपको क्या पसंद है । शांति या प्रेम । अगर शांति पसंद है तो शांति का अभ्यास हर समय करो अगर प्रेम पसंद है तो प्रेम का अभ्यास करो ।
4-शांति सब को प्रिय है इसलिये हम शांति के संकल्प को ले कर चलते है ।
5-मै शांत हूं शांत हूँ सदा इस भाव में टिके रहो । परमात्मा को देखते हुए आप शांति के सागर है , इस गुण से याद करो । कोई व्यक्ति देखो या याद आयें तो उसको कहो आप शांत स्वरूप है । जब इस तरह एक ही संकल्प मन में रखेगे तो उस का एक गति चक्र बन जायेगा ।
6-इसी तरह के और भी अच्छे शव्दो को हम ले सकते है । इन शव्दो को बार बार दोहराते रहे तो उस से उत्पन्न हुई ध्वनि या कम्पन की तरंगे सीधी या साधारण नहीं रह जाती । वह एक वृत बन जाती हैँ और वह तरंगे घूमने लगती हैँ
7- इन तरंगो का वृताकार रूप में घूमना उस व्यक्ति और ब्रह्माण्ड में एक असाधारण शक्ति प्रवाह उत्पन करता है । उस के फल स्वरूप उत्पन्न हुए परिणामों को चमत्कार कहेंगे ।
8--इस शब्द की शक्ति को दूसरे प्रकार से समझा जा सकता है ।
9--शेर की दहाड़ से हम डर जाते है ।
10--कोयल की कूक सुनते ही मनुष्य में प्यार उमड़ने लगता है ।
11-दही को मथने से माखन निकलता है ।
12-शुध्द संकल्प को रीपीट करने से ऐसी शक्ति निकलती है जो रोग ठीक कर देती है । अलग अलग रोगॊ को ठीक करने के लिये कौन से शब्द और कितनी मात्रा में हो जो रोग ठीक हो जाये यह खोज करनी है ।
13-अल्ट्रा साउंड तरंगों से तरह तरह के इलाज सम्भव हो रहे है ।
14-बिजली, भाप, एटम,बारूद आदि सूक्ष्म में कम्पन शक्ति ही है ।
15- संकल्प से भी कम्पन पैदा होते हैंं तथा इस से हम सर्व श्रेष्ट ईशवरीय शक्तियों को पकड़ सकते है ।
16-संगीत से पशु अधिक दूध देते है ।
17-बीन बजा कर हम साँप को वश में कर सकते है ।
18-संगीत से दीपक जला सकते है ।
19- बादलों से वर्षा करवा सकते है ।
20- ऐसे ही हम अलग अलग संकल्पों से उपलब्धिया पा सकते है । परंतु यह खोज करनी है । इस से संसार का कल्याण होगा ।
No comments:
Post a Comment