Monday, December 16, 2019

शब्द और चरित्र

1-हमारे मुख और मन  से निकला हुआ प्रत्येक शब्द आकाश के सूक्ष्म परमाणुओं में कम्पन्न  उत्पन करता है । 

2-उस कम्पन्न  से लोगो में अद्रश्य प्रेरणाये जागृत होती है ।

3-प्रत्येक शब्द/संकल्प  को चित्रित किया जा सकता है ।

 4-ध्वनि कम्पनो  के इस चित्रण को स्पेक्ट्रोग्राफ कहते है ।

5-आप  जो   कुछ भी  बोलते है स्पेकट्रोग्राफ  उसे टेढ़ी मेढ़ी  लकीरों में दिखाता  है ।

6-हर व्यक्ति के ध्वनि तरंगो की जो रेखाये बनती है, वे चाहे एक ही वाक्य बोलें,  उस से बनी रेखाओं का रुप अलग अलग होगा ।
7-एक व्यक्ति बीमारी में, सर्दी में,  गर्मी में,  तूफान  में जब भी  बोलेंगे उन की  आवाज़  से एक जैसी रेखाये बनेगी अर्थात जो बोलते है, उन रेखाओं पर प्रकृति का प्रभाव नहीं  पड़ता   ।

8-हर व्यक्ति  अगर कोई  एक ही वाक्य बोले जैसे कोयल काली  होती है, तो इस वाक्य की हर व्यक्ति की आवाज़ से अलग अलग लाइन्स बनेगी ।

9-शरीर में कुछ  ऐसे चक्र होते है जो शव्दो वा संकल्पों को अपने अपने ढंग से प्रभावित और प्रसारित  करते है । स्वर की  लहरों को रोग निवारण  में प्रयोग किया  जा सकता है ।

10-हम जो कुछ  भी पढ़ते सुनते या  करते है़ दिमाग उन सब के चित्र बना कर स्मृति में रख लेता है़ । 

11-अगर हम सभी चीजो का बातों का सोच कर कोई चित्र बनाते है़ तो उसे  सहज ही याद रख सकते हैं  । 

12-`दो लड़ते हुए व्यक्ति ज्यादा याद रहते है़ ।  खड़ा हुआ  व्यक्ति ज्यादा याद नहीं आता । 

13-फिल्मे ज़्यादा याद रहती है़ ।  नाटक ज्यादा याद रहते है़ । 

14-चलते हुए जीव जंतु,  चलती हुई गाड़ियां ज्यादा याद रहती हैं  । 

15-आप जीवन मेंं जो भी याद रखना चाहते है़ उसे पांच इन्द्रियों से जोड़े । 

16-ये इन्द्रियां हैं,  आंख,  नाक,  कान,  मुख और स्पर्श । 

17-जो चीजे हम आंखो से देखते है़ वह हमें सहज ही याद आती रहती है़ ।  उसके लिये मेहनत नहीं करनी  पड़ती । 

18-जो चीज याद रखनी है़, उसे देखते ही  दिमाग में कोई शक्ल बना लो,  या  कोई फूल,  पेड़,  कार आदि बना लें । 

19-कोई भी बुक पढ़ें उसके अंदर सभी पायंट्स क़ी आकृति बना लें । 

20-अगर आप योगी हैं तो  आध्यात्मिक  शक्तियों  का  मन में  चित्र बना लें । 

21-सर्व गुण सम्पन्न बनना है़ तो मन में  लक्ष्मी नारायण  का चित्र देखते रहो । 

22-स्वर्ग का चित्र मन में देखते रहो । 

23-शिव बाबा,  ब्रह्मा बबा या  किसी ईष्ट का चित्र मन में देखते रहो । 

24-जो भी चित्र स्थूल या   मन में देख  रहे हैं , आप को उस जैसा बनने क़ी  प्रेरणा  मिलेगी ।

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