Sunday, June 10, 2018

ॐ के उच्चारण के 11 शारीरिक लाभ :

              ॐ : ओउम् तीन अक्षरों से बना है। अ उ म् । "अ" का अर्थ है उत्पन्न होना, "उ" का तात्पर्य है उठना, उड़ना अर्थात् विकास, "म" का मतलब है मौन हो जाना अर्थात् "ब्रह्मलीन" हो जाना। ॐ सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति और पूरी सृष्टि का द्योतक है। ॐ का उच्चारण शारीरिक लाभ प्रदान करता है। जानिए ॐ कैसे है स्वास्थ्यवर्द्धक और अपनाएं आरोग्य के लिए ॐ के उच्चारण का मार्ग. उच्चारण की विधि प्रातः उठकर पवित्र होकर ओंकार ध्वनि का उच्चारण करें। 
            ॐ का उच्चारण पद्मासन, अर्धपद्मासन, सुखासन, वज्रासन में बैठकर कर सकते हैं। इसका उच्चारण 5, 7, 10, 21 बार अपने समयानुसार कर सकते हैं। ॐ जोर से बोल सकते हैं, धीरे-धीरे बोल सकते हैं। ॐ जप माला से भी कर सकते हैं।

01- ॐ और थायराॅयड- ॐ का उच्चारण करने से गले में कंपन पैदा होती है जो थायरायड ग्रंथि पर सकारात्मक प्रभाव डालता है।

02- ॐ और घबराहटः- अगर आपको घबराहट या अधीरता होती है तो ॐ के उच्चारण से उत्तम कुछ भी नहीं।

03- ..ॐ और तनावः- यह शरीर के विषैले तत्त्वों को दूर करता है, अर्थात तनाव के कारण पैदा होने वाले द्रव्यों पर नियंत्रण करता है।

04- ॐ और खून का प्रवाहः- यह हृदय और ख़ून के प्रवाह को संतुलित रखता है।

5-ॐ और पाचनः- ॐ के उच्चारण से पाचन शक्ति तेज़ होती है।

06-ॐ लाए स्फूर्तिः- इससे शरीर में फिर से युवावस्था वाली स्फूर्ति का संचार होता है।

07- ॐ और थकान:- थकान से बचाने के लिए इससे उत्तम उपाय कुछ और नहीं।

08- .ॐ और नींदः- नींद न आने की समस्या इससे कुछ ही समय में दूर हो जाती है।रात को सोते समय नींद आने तक मन में इसको करने से निश्चिंत नींद आएगी।

09- .ॐ और फेफड़े:- कुछ विशेष प्राणायाम के साथ इसे करने से फेफड़ों में मज़बूती आती है।

10- ॐ और रीढ़ की हड्डी:- ॐ के पहले शब्द का उच्चारण करने से कंपन पैदा होती है।इन कंपन से रीढ़ की हड्डी प्रभावित होती है और इसकी क्षमता बढ़ जाती है।

11- ॐ दूर करे तनावः- ॐ का उच्चारण करने से पूरा शरीर तनाव-रहित हो जाता है। आशा है आप अब कुछ समय जरुर ॐ का उच्चारण करेंगे । साथ ही साथ इसे उन लोगों तक भी जरूर पहुंचायेगे जिनकी आपको फिक्र है ।

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